Earthquake in Delhi: दिल्ली में बीते रात तेज भूकंप के झटके महसूस किये गए रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गुलमर्ग से करीब 184 किलोमीटर दूर पर धरती की सतह से 129 किलोमीटर नीचे था इस भूकंप को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में शनिवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि किसी नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है। दिल्ली में भूकंप के झटके रात 9.34 बजे महसूस किए गए।
भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.8 रही। दिल्ली-एनसीआर के अलावा, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश में था। जम्मू-कश्मीर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.8 मापी गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
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Earthquake in Delhi: 2023 के इस भूकंप से काँप गई धरती इन जगहों पर महसूस किये गए झटके हुआ इतने लोगो को नुकसान |
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Earthquake in Delhi: जान लीजिये किस वजह से भूकंप आते हैं :-
भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है। भूकम्प बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुँचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है।
भूकंप का मापन भूकम्पमापी यंत्र से किया जाता है, जिसे सीस्मोग्राफ कहा जाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण मापक्रम पारंपरिक रूप से नापा जाता है, या सम्बंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। ३ या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि ७ रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।
पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप उपरिकेंद्र अपतटीय स्थिति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं।
सर्वाधिक सामान्य अर्थ में, किसी भी सीस्मिक घटना का वर्णन करने के लिए भूकंप शब्द का प्रयोग किया जाता है, एक प्राकृतिक घटना]) या मनुष्यों के कारण हुई कोई घटना -जो सीस्मिक तरंगों ) को उत्पन्न करती है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु केन्द्र या हाईपो सेंटर कहलाता है। शब्द उपरिकेंद्र का अर्थ है, भूमि के स्तर पर ठीक इसके ऊपर का बिन्दु।
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के मामले में, बहुत से भूकंप प्लेट सीमा से दूर उत्पन्न होते हैं और विरूपण के व्यापक क्षेत्र में विकसित तनाव से सम्बंधित होते हैं, यह विरूपण दोष क्षेत्र (उदा. “बिग बंद ” क्षेत्र) में प्रमुख अनियमितताओं के कारण होते हैं। Northridge भूकंप ऐसे ही एक क्षेत्र में अंध दबाव गति से सम्बंधित था। एक अन्य उदाहरण है अरब और यूरेशियन प्लेट के बीच तिर्यक अभिकेंद्रित प्लेट सीमा जहाँ यह ज़ाग्रोस पहाड़ों के पश्चिमोत्तर हिस्से से होकर जाती है। इस प्लेट सीमा से सम्बंधित विरूपण, एक बड़े पश्चिम-दक्षिण सीमा के लम्बवत लगभग शुद्ध दबाव गति तथा वास्तविक प्लेट सीमा के नजदीक हाल ही में हुए मुख्य दोष के किनारे हुए लगभग शुद्ध स्ट्रीक-स्लिप गति में विभाजित है। इसका प्रदर्शन भूकंप की केन्द्रीय क्रियाविधि के द्वारा किया जाता है।
सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में आंतरिक दबाव क्षेत्र होते हैं जो अपनी पड़ोसी प्लेटों के साथ अंतर्क्रिया के कारण या तलछटी लदान या उतराई के कारण उत्पन्न होते हैं। (जैसे deglaciation). ये तनाव उपस्थित दोष सतहों के किनारे विफलता का पर्याप्त कारण हो सकते हैं, अतः यह प्लेट भूकंप को जन्म देते हैं।
भूकंप आने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
अक्सर हम भूकंप आने पर घर से बाहर भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन इतनी जल्दी में यह संभव नहीं हो पाता। ऐसे में जब भूकंप आए और अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। पास में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए। इस दौरान घर के अंदर ही रहें और बाहर न निकलें। बिजली के सभी स्विच को बंद कर देना चाहिए। आप घर से बाहर है तो कोशिश करें कि ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल भी करने से बचें।
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