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Bihar Education Policy 2023 : बिहार के सभी छात्रो के लिए सरकार के तरफ से एक नई जानकारी सामने आई है | इसके अनुसार अब बिहार में स्नातक चार वर्ष का होगा | इसके साथ ही अब स्नातक में नामाकंन की प्रक्रिया में भी बहुत बड़ा बदलाव कर दिया गया है | इसे लेकर राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की गयी है जिसमे स्नातक को लेकर ये अहम फैसला लिया गया है | इसके साथ ही चार वर्षीय कोर्स करने से छात्रो को आगे काफी सुविधा मिलेगी |
जिसके बारे में भी जानकारी दी गयी है | तो अगर आप भी स्नातक में नामाकंन लेना चाहते है तो ये जानकारी आपके लिए बहुत ही अहम है इसके साथ ही कौन से सत्र से इसकी शुरुआत की जाएगी इसके बारे में भी जानकारी दी गयी है | तो अगर आप स्नातक में नामाकंन का सोच रहे है तो इस post को पूरा जरुर पढ़े | इससे जुडी सारी जानकारी इस post में दी गयी है | इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गये लिंक पर क्लिक कर देखे |
Bihar Education Policy 2023 : Overviews
Post Name | Bihar Education Policy 2023 |
Post Date | 15/04/2023 |
Post Type | Admission |
Admission name | Under Graduation |
Starting Form Session | 2023-27 |
Course Duration | 4 years |
Official website | https://state.bihar.gov.in/main/CitizenHome.html |
Bihar Education Policy 2023
बिहार राज्य के विश्वविद्यालयो में इस साल से चार वर्षी स्नातक कोर्स शुरू किया जायेगा | इस कोर्स के लागु होने के बाद नामाकंन की केंद्रीकृत प्रक्रिया अपनाई जाएगी | नामाकन की केंद्रीकृत व्यवस्था अगले सत्र से अम्ल में आएगी | इस सत्र में विवि स्तर पर ही नामाकंन होगा | गुरूवार को राजभवन में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है |
इस बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति , शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव वैद्यनाथ यादव, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थु , उच्चतर शिक्षा परिषद के अकादमिक सलाहकार प्रो.एन.के. अग्रवाल उपस्थित थे |
इस सत्र से होगी चार वर्षीय स्नातक कोर्स की शुरुआत
बिहार में चार वर्षीय कोर्स को लेकर बात करे तो इस साल से विश्वविद्यालयों में इसकी शुरुआत होगी | गुरूवार को राजभवन मे हुई उच्चस्तरीय वैठक में बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-27 से चार वर्षीय स्नातक कोर्स प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है | कोर्स की संरचना व प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी गठित होगी |
इस प्रकार होगा स्नातक चार वर्षीय कोर्स में पढाई
चार वर्षीय सीबीसीएस पाठ्यक्रम लागू होना अन्तराष्ट्रीय मानक के अनुरूप होगा | प्रथम वर्ष अथार्त दो सेमेस्टर उत्तीर्ण करने पर जो छात्र इस कोर्स को छोड़ना चाहेगे , उन्हें यूजी सर्टिफिकेट मिलेगा, जो 40 क्रेडिट का होगा | लेकिन यह शर्त होगी की उन्हें 4 क्रेडिट का वोकेशनल कोर्स समर वेकेशन में करना होगा |
इसी टार दुसर वर्ष अर्थात 80 क्रेडिट का चार सेमेस्टर का कोर्स करने के बाद छोड़ने पर उन्हें यूजी डिप्लोमा दिया जायेगा | उसके साथ भी 4 क्रेडिट का समय वोकेशनल कोर्स की अनिवार्यता रहेगी |तीसरा वर्ष अर्थात 6 सेमेस्टर 120 क्रेडिट का करने के बाद यूजी डिग्री की उपाधि मिलेगी , जो स्नातक के समकक्ष होगी | चार वर्ष अर्थात 8 सेमेस्टर पूरा करने पर 160 क्रेडिट का कोर्स करने पर यूजी डिग्री (आनर्स) की उपाधि दी जाएगी |
पहले छह सेमेस्टर में जिन्हें 75 फीसदी या अधिक अंक आये हो,वो ‘फ़ोर इयर यूजी डिग्री आनर्स विद रिसर्च’ माने जायेगे |
“फ़ोर इयर यूजी डिग्री आनर्स विद रिसर्च ” को मिलने वाले फायदे :-ऐसे छात्रो को ये फायदा होगा की चार साल का जो कोर्स ये करेगे , वो स्नातकोत्तर कौरसे एक ही साल में पूरा कर सकेगे | जो तीन साल में कोर्स करेगे उन्हें स्नातकोत्तर दो साल में करना होगा | छात्र पहले , दुसरे साल जब ही कोर्स छोड़ना चाहेगे, उन्हें कोर्स छोड़ने के तीन वर्षो के अन्दर पुन:अगले साल में नामांकन ले सकता है |
ग्रेजुएशन के दौरान लर्निंग ट्रेंनिंग लेना जरूरी
यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार द्वारा नई शिक्षा नीति से जुड़े इस बदलाव को साझा करते हुए बताया गया है कि स्टूडेंट को हर तरफ से तैयार किया जाएगा। पढ़ाई के साथ-साथ सभी स्टूडेंट को काम करने की दक्षता और बाजार के उतार-चढ़ाव से भी अवगत कराया जाएगा।
ग्रेजुएशन में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं अपने या अन्य संस्थान में किसी भी फर्म, संगठन, उद्योग या प्रयोगशाला में शोधकर्ताओं के साथ प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप आदि कर सकते हैं। ये एक्सपीरियंस उन्हें ग्रेजुएशन के बाद भी मांसिक और आर्थिक तौर पर काफी काम आएगा।
समर वेकेशन के दौरान करनी होगी इंटर्नशिप
बात अब इंटर्नशिप प्रोग्राम की करें तो बता दें कि समर यानी गर्मी के मौसम के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय उद्योग, व्यापार, संगठनों, स्थानीय सरकारे संसद या निर्वाचित प्रतिनिधि, शिल्पकार, कलाकार, मीडिया संगठन सहित कई अन्य कोर्सों से संबंधित संगठनों के साथ इंटर्नशिप करने का मौका छात्र-छात्राओं को मिलेगा, ताकि वह अपने रुचि से संबंधित विषय के बारे में जान सकें। बता दे नई शिक्षा नीति के तहत किए जाने वाले इस बदलाव के साथ छात्रों को न सिर्फ जमीनी स्तर पर आर्थिक व सामाजिक मुद्दों का ज्ञान मिलेगा, बल्कि इससे रोजगार की क्षमता में भी सुधार आएगा।
रिसर्च प्रोजेक्ट की होगी शुरुआत
इस दौरान प्रोफेसर द्वारा साझा जानकारी में यह भी बताया गया कि यूजीसी के नए नियमों के तहत छात्र-छात्राओं को 3 के बजाय 4 साल की ग्रेजुएशन डिग्री हासिल होगी। अगर कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहता है, तो वह है उन्हें अपने 4 साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू कर सकता है। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के लिए ऑनर्स की डिग्री भी दी जाएगी। बता दें कि मौजूदा नियमों के मुताबिक 3 साल की अंडर ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने पर अभ्यार्थियों को ऑनर्स की डिग्री दी जाती है।
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